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देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
श्रीत्रिगुणात्मिका देवता, ॐ ऐं बीजं, ॐ ह्रीं शक्तिः, ॐ क्लीं कीलकम्,
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।
रात के समय ये पाठ ज्यादा फलदायी माना गया है.
अति गुह्यतरं देवि ! देवानामपि दुलर्भम्।।
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.
जाग्रतं हि महादेवि जप ! सिद्धिं कुरूष्व मे।।
नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. धन लाभ, click here विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी सेहत, कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.